EPF: 25 साल उम्र, ₹25,000 बेसिक सैलरी; कैलकुलेशन से समझें रिटायरमेंट पर कितना मिलेगा फंड
EPF Calculation: प्राइवेट सेक्टर काम करने वाले सैलरीड कर्मचारियों के लिए EPF एक कंट्रीब्यूटरी रिटायरमेंट बेनेफिट स्कीम है. सरकार हर वित्त वर्ष इस पर ब्याज का ऐलान करती है. FY23 के लिए ब्याज दर 8.15 फीसदी है.
EPF Calculation
EPF Calculation
EPF Calculation: अगर आप प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, तो आपका PF मंथली सैलरी से डिडक्ट होता होगा. यह अमाउंट आपके EPF अकाउंट में जमा होता है, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मैनेज करता है. प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले सैलरीड कर्मचारियों के लिए EPF एक कंट्रीब्यूटरी रिटायरमेंट बेनेफिट स्कीम है. सरकार हर वित्त वर्ष इस पर ब्याज का ऐलान करती है. FY23 के लिए ब्याज दर 8.15 फीसदी है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
मान लीजिए, आपकी बेसिक सैलरी (+DA) 25,000 रुपये और उम्र 25 साल है. EPF में 58 साल की उम्र तक कंट्रीब्यूशन कर सकते हैं. ऐसे में सब्सक्राइबर को 33 साल तक EPF अकाउंट में कंट्रीब्यूशन का समय मिलता है. यहां यह मान लेते हैं कि कंट्रीब्यूशन के पूरे साल में कर्मचारी (सब्सक्राइबर) की सैलरी में औसतन हर साल 5 फीसदी ग्रोथ और सालाना ब्याज दर 8.15 फीसदी पर बनी रही. EPF Calculation के मुताबिक, रिटायरमेंट यानी 58 साल की उम्र में कर्मचारी के EPF अकाउंट में 1.46 करोड़ का कॉपर्स (EPF Corpus) बन जाएगा. इसमें कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन तकरीबन 31 लाख के आसपास होगा.
EPF Calculation समझिये
बेसिक सैलरी+DA= ₹25,000
मौजूदा उम्र= 25 साल
रिटारमेंट उम्र= 58 साल
इम्प्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन= 12 फीसदी
एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन= 3.67 फीसदी
EPF पर ब्याज दर= 8.15% सालाना
सालाना सैलरी ग्रोथ= औसतन 5%
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड= 1.46 करोड़ (इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन 30.62 लाख और एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन 9.36 लाख रुपये रहा. यानी, कुल कंट्रीब्यूशन 39.98 लाख रुपये रहा.)
(नोट: कंट्रीब्यूशन के पूरे साल में सालाना ब्याज दर 8.15% और सैलरी ग्रोथ 5% ली गई है.)
EPF कंट्रीब्यूशन का समझ लें नियम
TRENDING NOW
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
Debt, Equity और Hybrid Funds का फर्क जानते हैं आप? म्यूचुअल फंड में पहली बार कर रहे हैं निवेश तो समझ लें ABCD
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
ईपीएफ अकाउंट में इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी (+DA ) का 12 फीसदी जमा होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर की 12 फीसदी की रकम दो हिस्सों में जमा होती है. एम्प्लॉयर के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी रकम इम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) में जमा होती है और शेष 3.67 फीसदी रकम ही EPF अकाउंट में जाती है.
₹25,000 सैलरी पर देखें
इम्प्लॉई बेसिक सैलरी +DA= ₹25,000
EPF में इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन= ₹25,000 का 12%= ₹3000
EPF में एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन= ₹15,000 का 3.67%= ₹917.5
इस तरह, देखें तो पहले साल 25,000 रुपये बेसिक सैलरी वाले इम्प्लॉई के EPF अकाउंट में कुल मंथली कंट्रीब्यूशन 3917.5 रुपये (3000+917 रुपये) होगा. इसके बाद सालाना आधार पर सैलरी में 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ उसी अनुपात में बेसिक और डियरनेस अलाउंस में इजाफा होगा. जिसके साथ-साथ ईपीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ता जाएगा. जिन इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से कम है उनके लिए इस स्कीम से जुड़ना अनिवार्य है. यहां यह भी ध्यान रखें में पेंशन अकाउंट में मैक्सिमम कंट्रीब्यूशन 15,000 की बेसिक सैलरी पर ही किया जाता है.
(नोट: EPF कंट्रीब्यूशन के जरिए रिटायरमेंट फंड का यह एक आंकड़ा स्थिर ब्याज दर, औसत सैलरी ग्रोथ और कर्मचारी व कंपनी के कंट्रीब्यूशन पर लिया गया है. यह एक अनुमान के लिए है. आंकड़ों में बदलाव होने पर कॉपर्स में अंतर आ सकता है.)
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
01:09 PM IST